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मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना Chief Minister Women Empowerment Scheme

मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना Chief Minister Women Empowerment Scheme

विभागमहिला एवं बाल विकास विभाग
योजना का नाममुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना
हितग्राही मूलक है या नहीहाँ
अधिकार क्षेत्रराज्य प्रवर्तित योजना
योजना कब से प्रारंभ की गयी
योजना का उद्येश्ययोजना के तहत विपत्तिग्रस्तव पीडित, कठिन परिस्थितियों में निवास कर रही महिलाओं के आर्थिक/सामाजिक उन्नरयन हेतु स्थायी प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा ताकि रोजगार प्राप्त कर सके। यह प्रशिक्षण ऐसी संस्थाओं द्वारा जारी डिग्री/प्रमाण-पत्र शासकीय/अशासकीय सेवाओं में मान्य/ हो। प्रशिक्षण पर होने वाला पूर्ण व्यय जिसमें प्रशिक्षण शुल्क,आवासीय व्यवस्था शुल्क् शामिल रहेगी।
लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्ते / लाभार्थी चयन प्रक्रिया1-हितग्राही लक्षित समूह अनुसार पीडित victim की श्रेणी में आती हो। २- लक्ष्य समूह अनुसार आवेदिका/ उसके परिवार का मुखिया
लाभार्थी वर्गपीडित महिला
लाभार्थी का प्रकारमहिला
लाभ की श्रेणीप्रशिक्षण ,आवास
योजना का क्षेत्रUrban and Rural
आवेदन/संपर्क/पंजीयन/प्रशिक्षण कहाँ करें
पदभिहित अधिकारीजिला कार्यक्रम अधिकारी
समय सीमानिरंक
आवेदन प्रक्रियामहिला द्वारा आवेदन जिला महिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में डाक या स्‍वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत किया जायेगा।
आवेदन शुल्कनिः शुल्क
अपीलकलेक्टर
अनुदान /ऋण /वित्तीय सहायता /पेंशन/लाभ की राशिनिरंक
हितग्राहियों को राशि के भुगतान की प्रक्रिया / हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान की व्यवस्था /वित्तीय प्रावधाननिरंक
ऑनलाइन आवेदन हेतु लिंक
योजना से सम्बंधित दस्तावेज संलग्न करें
अपडेट दिनांक12/21/2022 3:40:07 PM
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मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना – सरल हिंदी में

किसी भी प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए यदि परिवार का सहयोग न मिले, तो उनके लिए जीवन यापन के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसे में महिलाओं को समाज में फिर से संतुलन स्थापित करने के लिए विशेष सहयोग की आवश्यकता होती है। यदि इन पीड़ित महिलाओं को कौशल उन्नयन प्रशिक्षण से जोड़ा जाए, तो वे न केवल अपनी मदद कर सकती हैं, बल्कि अपने परिवार का भी भरण-पोषण कर सकती हैं। इसी उद्देश्य से सितंबर 2013 से मध्य प्रदेश में “मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना” शुरू की गई है।

विभागीय वेबसाइट: http://mpwcdmis.gov.in/

लाभार्थी (Beneficiaries):

इस योजना के तहत जिन महिलाओं को सहायता मिल सकती है, वे निम्नलिखित हैं:

  1. बलात्कार पीड़िता या बालिका
  2. तस्करी की शिकार महिलाएँ जो गरीबी रेखा से नीचे रहती हैं।
  3. एसिड अटैक पीड़िता
  4. जेल से रिहा हुई महिलाएँ
  5. परित्यक्त/तलाकशुदा महिलाएँ जो गरीबी रेखा से नीचे रहती हैं।
  6. सरकारी और गैर-सरकारी आश्रय गृहों, बालिका गृहों, भरण-पोषण गृहों आदि में रहने वाली महिलाएँ/लड़कियाँ
  7. दहेज पीड़ित या अग्निकांड पीड़ित महिलाएँ
  8. बाल विवाह की शिकार महिलाएँ

फ़ायदे (Benefits):

इस योजना के तहत महिलाओं को कई प्रकार के फायदे मिलते हैं:

  1. आपातकालीन स्थितियों में मदद
  2. पीड़ित महिलाओं का पुनर्वास
  3. स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना
  4. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना
  5. महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्तर को ऊपर उठाना
  6. पीड़ित और असहाय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज में पुनर्वासित करना

आवेदन कैसे करें (How to Apply):

इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होती हैं:

  1. लाभार्थी का चयन: महिला को योजना में लाभार्थी बनने के लिए पीड़ित श्रेणी में आना चाहिए।
  2. आर्थिक स्थिति: आवेदक या उसके परिवार का मुखिया गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता हो।
  3. मानसिक स्थिति: आवेदक मानसिक रूप से विक्षिप्त नहीं होनी चाहिए।
  4. आयु सीमा: सामान्य वर्ग की महिला की आयु 45 वर्ष से कम होनी चाहिए। विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या पिछड़ी महिला की आयु 50 वर्ष होनी चाहिए।
  5. शैक्षिक योग्यता: प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के अनुसार न्यूनतम शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए।
  6. प्रशिक्षण: कम शिक्षित या अशिक्षित महिलाओं को उनकी योग्यता के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा।

यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपनी और अपने परिवार की जीवन स्थिति को सुधार सकें।

महिला सशक्तिकरण योजना कब शुरू हुई थी?

प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सितंबर 2013 में “मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना” शुरू की गई थी। इस योजना के तहत किसी भी प्रकार की विकलांगता से पीड़ित महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए स्थायी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

महिला सशक्तिकरण योजना कब शुरू हुई थी?

मध्य प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सितंबर 2013 में “मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना” शुरू की गई थी। इस योजना के तहत किसी भी प्रकार की विकलांगता से पीड़ित महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए स्थायी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना

योजना के बारे मे :

किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित, महिलाओं को पारिवारिक सहायता नहीं मिलती है तो जीवन यापन करने के सभी रास्ते बंद हो जाते है एवं ऐसी कठिन परिस्थितियों के लिए परिवार एवं समाज में पुर्नस्थापित होने हेतु विशेष सहयोग की आवश्यकता होती है । यदि किसी भी पीड़ित महिला की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ दिया जाए तो वह स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार का भी भरण पोषण कर सकती है। इस उद्देश्य से ’’मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना’’ प्रदेश में सितम्बर 2013 से प्रारंभ की गई है।

उद्देशय:-

♦ आपात स्थिति में महिलाओं की सहायता करना।

♦ पीडित महिला को पुर्नस्थापित करना।

♦ महिलाओं को स्व-रोजगार के लिये प्रेरित करना।

♦ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना।

♦ महिला का सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिणिक स्तर बढाना।

♦ विपत्तिग्रस्त/पीड़ित/असहाय/निराश्रित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए समाज की मुख्य धारा में पुर्नस्थापित करना।

लक्ष्य समूह :-

♦ बलात्कार से पीडित महिला या बालिका ।

♦ दुर्रव्यापार से बचाई गई महिलाएं जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती हो।

♦ ऐसिड विक्टिम

♦ जेल से रिहा महिलाऐं

♦ परित्यकता/तलाकशुदा महिलायें जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती हो।

♦ शासकीय एवं अशासकीय आश्रय गृह, बालिका गृह, अनुरक्षण गृह आदि गृहों में निवासरत विपत्तिग्रस्त बालिका/महिलायें

♦ दहेज प्रताड़ित/अग्नि पीड़ित महिलायें

♦ बाल विवाह पीड़ित

प्रशिक्षण के विषय :-

♦ फार्मेसी -ब्यूटिशियन,होटल/ ईवेन्ट मैनेजमेंट

♦ नर्सिग -शार्ट टर्म मैनेजमेंट कोर्स (कुकिंग/बैंकिंग),प्रयोगशाला सहायक

♦ फिजियोथेरपी -आई.टी.आई./पॉलीटेक्निक कोर्स,बी.एड/डी.एड

सिर्फ शासकीय संस्थान से :-

♦ आया/दाई/वार्ड परिचारिका होस्पिटालिटी,अन्य प्रशिक्षण जो कि शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए जाते है।

अन्य विभागीय पोर्टल

विभागीय पुरस्कार

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